स्वास्थ्य क्षेत्र में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के उपयोग से कई लाभ हो सकते हैं, लेकिन कुछ संभावित नुकसान भी हो सकते हैं, खासकर भारत जैसे विकासशील देशों में। कुछ प्रमुख नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:
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डिजिटल डिवाइड और पहुंच में असमानता: भारत में अब भी सभी क्षेत्रों में इंटरनेट और तकनीकी पहुंच समान नहीं है। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में AI आधारित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि वहां तकनीकी संसाधनों की कमी हो सकती है। इससे असमानता बढ़ सकती है।
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गोपनीयता और डेटा सुरक्षा: AI को काम करने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा की आवश्यकता होती है, और स्वास्थ्य डेटा अत्यधिक संवेदनशील होता है। अगर इस डेटा का सही तरीके से प्रबंधन नहीं किया जाता, तो गोपनीयता का उल्लंघन हो सकता है, जिससे लोगों के व्यक्तिगत स्वास्थ्य विवरण लीक हो सकते हैं।
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नौकरी में खतरा: AI के कारण स्वास्थ्य क्षेत्र में कुछ कार्य स्वचालित हो सकते हैं, जिससे मानव संसाधन की जरूरत कम हो सकती है। जैसे कि, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की नौकरी में खतरा उत्पन्न हो सकता है।
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गलत निर्णय और एल्गोरिदम की त्रुटियां: AI सिस्टम्स भी मानव त्रुटियों की तरह गलत निर्णय ले सकते हैं। अगर AI सिस्टम को गलत डेटा या कमजोर एल्गोरिदम के आधार पर प्रशिक्षित किया जाता है, तो यह गलत उपचार या निदान कर सकता है, जिससे मरीजों की स्थिति बिगड़ सकती है।
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मानव संपर्क की कमी: AI द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने से व्यक्तिगत संपर्क कम हो सकता है। डॉक्टर और मरीज के बीच व्यक्तिगत बातचीत और भरोसा बनाना महत्वपूर्ण होता है, और AI इस मानवीय पहलू को पूरी तरह से बदल नहीं सकता।
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सामाजिक और मानसिक प्रभाव: कुछ लोग AI को भरोसा नहीं कर सकते, खासकर जब स्वास्थ्य से जुड़ा हो। इसके कारण मानसिक तनाव या असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि लोग मशीनों की तुलना में मानव चिकित्सकों से अधिक आरामदायक महसूस करते हैं।
इन संभावित नुकसानों को ध्यान में रखते हुए, AI का प्रभावी और सुरक्षित उपयोग करने के लिए सही नियम और दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है, ताकि इसका लाभ अधिकतम हो सके और नुकसान कम से कम हो।
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